New Labour Codes: ग्रेच्युटी 1 साल में, सैलरी 50% बेसिक! नया लेबर कोड लागू: PF, हेल्थ और ओवरटाइम पर 20 बड़े बदलाव।
भारत में श्रम सुधारों का नया दौर शुरू, कर्मचारियों के लिए ‘श्रमिक न्याय’ की गारंटी
भारत सरकार ने दशकों पुराने 29 श्रम कानूनों को खत्म करते हुए 4 नई श्रम संहिताओं (Labour Codes) को देश में लागू कर दिया है। यह कदम देश के 40 करोड़ से अधिक श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा कवच प्रदान करने और रोजगार की शर्तों में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से उठाया गया है। सैलरी, ग्रेच्युटी, काम के घंटे और स्वास्थ्य सुविधाओं से जुड़े नियमों में बड़े बदलाव किए गए हैं।
नये श्रम कानूनों की 10 सबसे बड़ी बातें
1. ग्रेच्युटी की समयसीमा में भारी कटौती
बदलाव: फिक्स्ड-टर्म कर्मचारियों (Fixed-Term Employees) के लिए ग्रेच्युटी की पात्रता अवधि को 5 साल से घटाकर सिर्फ 1 साल कर दिया गया है।
असर: इससे कॉन्ट्रैक्ट या निश्चित अवधि के लिए काम करने वाले कर्मचारियों को जल्द ही आर्थिक सुरक्षा मिलेगी।
2. न्यूनतम वेतन की गारंटी
बदलाव: अब सभी क्षेत्रों के हर कर्मचारी को समय पर न्यूनतम वेतन (Minimum Wages) और वेतन भुगतान की गारंटी दी गई है।
असर: यह नियम देश भर में एक समान न्यूनतम वेतन सुनिश्चित करेगा, जिससे किसी भी श्रमिक की आय जीवन यापन के लिए अपर्याप्त न हो।
3. अनिवार्य नियुक्ति पत्र (Appointment Letter)
बदलाव: सभी कंपनियों के लिए कर्मचारियों को लिखित नियुक्ति पत्र देना अनिवार्य कर दिया गया है।
असर: इससे कर्मचारियों को उनकी नौकरी की शर्तों, पदनाम, वेतन और सामाजिक सुरक्षा के अधिकारों के बारे में स्पष्टता और कानूनी सुरक्षा मिलेगी।
4. 40+ उम्र के श्रमिकों के लिए मुफ्त स्वास्थ्य जांच
बदलाव: 40 वर्ष से अधिक आयु के सभी श्रमिकों के लिए नियोक्ता द्वारा सालाना मुफ्त स्वास्थ्य जांच (Annual Free Health Check-up) अनिवार्य कर दी गई है।
असर: यह नियम स्वस्थ कार्यबल सुनिश्चित करने और समय रहते गंभीर बीमारियों की पहचान करने में मदद करेगा।
5. ओवरटाइम पर दोगुना वेतन
बदलाव: ओवरटाइम करने वाले कर्मचारियों को अब उनकी मेहनत का सही सम्मान मिलेगा, जिसके लिए उन्हें सामान्य वेतन दर का दोगुना (Double Wage) भुगतान किया जाएगा।
6. सैलरी स्ट्रक्चर में बदलाव (PF/ग्रेच्युटी बढ़ेगी)
बदलाव: वेतन संहिता के तहत, अब कर्मचारियों की कुल सैलरी (CTC) का कम से कम 50% हिस्सा बेसिक सैलरी होना अनिवार्य होगा।
असर: बेसिक सैलरी बढ़ने से प्रॉविडेंट फंड (PF) और ग्रेच्युटी में नियोक्ता और कर्मचारी दोनों का योगदान बढ़ेगा, जिससे कर्मचारियों का रिटायरमेंट फंड मजबूत होगा, हालांकि हाथ में आने वाली सैलरी (Take-home salary) थोड़ी कम हो सकती है।
7. गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा
बदलाव: गिग वर्कर्स (जैसे स्विगी, ज़ोमैटो, अर्बन कंपनी के कर्मी) और प्लेटफॉर्म वर्कर्स को पहली बार श्रम कानूनों में परिभाषित किया गया है और उन्हें सामाजिक सुरक्षा (जैसे पेंशन, बीमा) का लाभ दिया जाएगा।
8. महिलाओं को समान अधिकार
बदलाव: महिलाओं को पुरुषों के समान वेतन और कार्यस्थल पर सम्मान की गारंटी दी गई है। वे अब सुरक्षा मानकों के तहत खनन सहित सभी क्षेत्रों और शिफ्टों में काम कर सकेंगी।
9. जोखिम भरे क्षेत्रों में 100% सुरक्षा
बदलाव: खनन, केमिकल और कंस्ट्रक्शन जैसे उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में काम करने वाले श्रमिकों के लिए 100% स्वास्थ्य सुरक्षा की गारंटी दी गई है।
10. काम के घंटे का लचीलापन (4 दिन का कार्य सप्ताह)
बदलाव: नए नियमों में 48 घंटे प्रति सप्ताह काम करने की शर्त के साथ 4 दिन का कार्य सप्ताह (4-Day Work Week) अपनाने का विकल्प भी दिया गया है। यानी, काम के घंटे बढ़ाकर 4 दिन काम करने और 3 दिन की छुट्टी का विकल्प संभव हो सकता है।


Latest Technology News
IND vs SA 2nd Test LIVE: गुवाहाटी में ‘करो या मरो’ की जंग, दक्षिण अफ्रीका ने टॉस जीतकर चुनी बल्लेबाजी।
Discover more from Live India News
Subscribe to get the latest posts sent to your email.

