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इस निर्णय के प्रमुख मुद्दे हैंउद्देश्य
मतदाता सूची साफ और सटीक होना चाहिए।
मतदाता विवरणों से नकली प्रविष्टियों को हटाना।
डुप्लिकेट मतदाताओं का पता लगाना
परिवर्तन
इस प्रक्रिया को जल्द ही चुनाव आयोग लागू करेगा।
मतदाताओं को अपने मतदाता पहचान पत्र को आधार कार्ड से लिंक करने का प्रोत्साहन दिया जाएगा।
कानून की आधारशिला:
1951 में जन प्रतिनिधित्व अधिनियम में संशोधन के बाद चुनाव आयोग को मतदाताओं से आधार नंबर मांगने का अधिकार मिला।
लेकिन फिलहाल यह स्वैच्छिक है।
चुनाव आयोग की नीति:चुनाव आयोग का कहना है कि आधार को वोटर आईडी से जोड़ने का मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची को शुद्ध करना है।
इससे फर्जी मतदाताओं का पता लगाना आसान होगा।
मतदाता सूची की विश्वसनीयता और पारदर्शिता में इस निर्णय का महत्वपूर्ण योगदान होगा।लिंक करने के लिए: National Voter Services Portal (NVSP) या Voter Helpline App पर जाकर अपना आधार और वोटर ID लिंक करें।अपडेट्स के लिए: ECI की ऑफिशियल वेबसाइट (eci.gov.in) फॉलो करें।चुनौतियाँ और चिंताएं:प्राइवेसी: आधार के साथ वोटर ID लिंक करने से निजी डेटा लीक का जोखिम।तकनीकी समस्याएं: ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट/डिजिटल साक्षरता की कमी। विवाद: सुप्रीम कोर्ट के 2018 के फैसले में कहा गया था कि आधार मौलिक सेवाओं के लिए अनिवार्य नहीं हो सकता।Latest Business NewsStock Market: शेयर बाजार में भारी उछाल हुआ, सेंसेक्स 400 अंक से अधिक चढ़कर खुला, और निफ्टी भी 22,600 के पार चला गया।
ECI: चुनाव आयोग (ECI) ने निर्णय लिया है कि मतदाता पहचान पत्र को आधार कार्ड से लिंक किया जाएगा। यह निर्णय केंद्रीय गृह सचिव और मुख्य चुनाव आयुक्त के बीच हुई एक बैठक में लिया गया था।
इस निर्णय के प्रमुख मुद्दे हैं
उद्देश्य
मतदाता सूची साफ और सटीक होना चाहिए।
मतदाता विवरणों से नकली प्रविष्टियों को हटाना।
डुप्लिकेट मतदाताओं का पता लगाना
परिवर्तन
इस प्रक्रिया को जल्द ही चुनाव आयोग लागू करेगा।
मतदाताओं को अपने मतदाता पहचान पत्र को आधार कार्ड से लिंक करने का प्रोत्साहन दिया जाएगा।
कानून की आधारशिला:
1951 में जन प्रतिनिधित्व अधिनियम में संशोधन के बाद चुनाव आयोग को मतदाताओं से आधार नंबर मांगने का अधिकार मिला।
लेकिन फिलहाल यह स्वैच्छिक है।
चुनाव आयोग की नीति:
मतदाता सूची साफ और सटीक होना चाहिए।
मतदाता विवरणों से नकली प्रविष्टियों को हटाना।
डुप्लिकेट मतदाताओं का पता लगाना
परिवर्तन
इस प्रक्रिया को जल्द ही चुनाव आयोग लागू करेगा।
मतदाताओं को अपने मतदाता पहचान पत्र को आधार कार्ड से लिंक करने का प्रोत्साहन दिया जाएगा।
कानून की आधारशिला:
1951 में जन प्रतिनिधित्व अधिनियम में संशोधन के बाद चुनाव आयोग को मतदाताओं से आधार नंबर मांगने का अधिकार मिला।
लेकिन फिलहाल यह स्वैच्छिक है।
चुनाव आयोग की नीति:
चुनाव आयोग का कहना है कि आधार को वोटर आईडी से जोड़ने का मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची को शुद्ध करना है।
इससे फर्जी मतदाताओं का पता लगाना आसान होगा।
मतदाता सूची की विश्वसनीयता और पारदर्शिता में इस निर्णय का महत्वपूर्ण योगदान होगा।
इससे फर्जी मतदाताओं का पता लगाना आसान होगा।
मतदाता सूची की विश्वसनीयता और पारदर्शिता में इस निर्णय का महत्वपूर्ण योगदान होगा।
क्या करें?
लिंक करने के लिए: National Voter Services Portal (NVSP) या Voter Helpline App पर जाकर अपना आधार और वोटर ID लिंक करें।
अपडेट्स के लिए: ECI की ऑफिशियल वेबसाइट (eci.gov.in) फॉलो करें।
चुनौतियाँ और चिंताएं:
प्राइवेसी: आधार के साथ वोटर ID लिंक करने से निजी डेटा लीक का जोखिम।
तकनीकी समस्याएं: ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट/डिजिटल साक्षरता की कमी।
विवाद: सुप्रीम कोर्ट के 2018 के फैसले में कहा गया था कि आधार मौलिक सेवाओं के लिए अनिवार्य नहीं हो सकता।
Latest Business News
Stock Market: शेयर बाजार में भारी उछाल हुआ, सेंसेक्स 400 अंक से अधिक चढ़कर खुला, और निफ्टी भी 22,600 के पार चला गया।
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