इलेक्टोरल बॉन्ड मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने SBI को भेजा नोटिस, कहा- संख्या का खुलासा करे बैंक

Image Source : FILE PHOTO सुप्रीम कोर्ट ने SBI को भेजा नोटिस सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भारतीय चुनाव आयोग ने 14 मार्च को चुनावी बॉन्ड से जुड़े डेटा को जारी किया था। चुनावी बॉन्ड यानी इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ा डेटा वही डेटा है जिसे चुनाव आयोग के साथ 12 मार्च को एसबाआई ने शेयर किया था। चुनाव आयोग की वेबसाइट पर 2 लिस्ट जारी किए गए हैं। इसमें कुल 763 पन्ने हैं जिनमें चुनावी बॉन्ड खरीदने वाली कंपनियों और लोगों के नाम शामिल हैं। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अब स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने वेबसाइट पर अपलोड किए जाने वाले डेटा को वापस करने को लेकर ईसीआई के अनुरोध को अनुमति दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने मांगा जवाब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शीर्ष अदालत के ज्यूडिशियल रजिस्ट्रार यह सुनिश्चित करें कि दस्तावेज को स्कैन और डिजिटल किया जाए और बार प्रक्रिया पूरी होने के बाद दस्तावेजों को ईसीआई को वापस दे दिया जाए। वह इसे 17 मार्च को या उससे पहले वेबसाइट पर अपलोड कर देगा। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस बाबत सोमवार तक एसबीआई से जवाब मांगा है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेश के बाद एसबीआई ने बुधवार को भारतीय निर्वाचन आयोग को इलेक्टोरल बॉन्ड का डेटा सौंपा था। आदेश के मुताबिक गुरुवार को ही चुनाव आयोग ने इस डेटा को अपनी वेबसाइट पर अपोलड कर दिया है। हालांकि इसमें किसी भी बॉन्ड का यूनिक नंबर नहीं दिया गया है। एसबीआई को मिला 18 मार्च तक का समय बता दें कि इस मामले की सुनवाई के दौरान सीजेआई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली संवैधानिक पीठ ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से कहा कि हमारा स्पष्ट निर्देश था। हमने इलेक्टोरल बॉन्ड से संबंधित पूरा ब्योरा देने को कहा था। लेकिन यूनिक नंबर की जानकारी साझा नहीं की गई है। इसकी जानकारी एसबाई को तुरंत देनी होगी। बता दें कि यूनिक नंबर की जानकारी साझा करने के लिए एसबीआई को 18 मार्च तक का समय दिया गया है। बता दें कि चुनाव आयोग द्वारा 2 लिस्ट जारी की गई है। एक लिस्ट में बॉन्ड खरीदने वालों के नाम और दूसरी लिस्ट में बॉन्ड की राशि देने वाली पार्टियों के नाम शामिल हैं। क्या होता है यूनिक आईडी? दरअसल अदालत ने एसबीआई को कहा है कि बॉन्ड खरीदने वाले और उन्हें प्राप्त करने वाली पार्टियों की पूरी जानकारी को यूनिक आईडी के साथ शेयर किया जाए। दरअशल यूनिक आईडी हर एक बॉन्ड का यूनिक नंबर होता है। इके जरिए आसानी से यह पता लगाया जा सकेगा कि आखिर किस कंपनी या व्यक्ति ने किस पार्टी को चंदा दिया है। चंदा देने वाले और चंदा पाने वालों की सभी जानकारी एक ही स्थान पर उपलब्ध रहेगी। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि बॉन्ड नंबरों से पता चल सकेगा कि किस दानदाता ने किस पार्टी को कितना चंदा दिया है। बता दें कि इस मामले में अगली सुनवाई 18 मार्च को होगी। Latest India News Source link

ईडी अधिकारियों को झारखंड पुलिस ने जारी किया समन, 21 मार्च को पूछताछ के लिए थाने बुलाया

Image Source : FILE ईडी अधिकारियों को झारखंड पुलिस ने जारी किया समन रांचीः झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से ईडी के अफसरों के खिलाफ दर्ज कराए गए एससी-एसटी केस में झारखंड पुलिस ने संबंधित अधिकारियों को समन भेजा है। ईडी अधिकारियों को 21 मार्च को सुबह 11 बजे थाने में मौजूद रहने को कहा गया है। सोरेन ने ईडी अफसरों पर प्रताड़ित करने और पूरे समुदाय को अपमानित करने का आरोप लगाया था। इन अधिकारियों को भेजा गया समन जिन अधिकारियों को समन भेजा गया है उनमें ईडी के एडिशनल डायरेक्टर कपिल राज, असिस्टेंट डायरेक्टर देवव्रत झा समेत अनुपम कुमार और अमन पटेल शामिल हैं। ईडी अधिकारी कपिल राज दिल्ली आबकारी घोटाला और हेमंत सोरेन केस दोनों देख रहे है। जानें पूरा मामला झारखंड हाई कोर्ट द्वारा पुलिस को ईडी अधिकारियों के खिलाफ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई न करने का निर्देश देने के एक सप्ताह बाद समन जारी किया गया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (रांची) चंदन कुमार सिन्हा ने समन जारी होने की पुष्टि की, लेकिन अधिक जानकारी साझा करने से इनकार कर दिया। सोरेन ने 31 जनवरी को मामला दर्ज कराया था जिस दिन संघीय एजेंसी ने कथित भूमि संबंधी अनियमितताओं को लेकर उन्हें गिरफ्तार किया था। ईडी ने हाई कोर्ट में दी ये दलील ईडी ने अधिकार क्षेत्र, इरादे और कानून के आवेदन के आधार पर कड़े अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) के तहत अपने अधिकारियों के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) को चुनौती दी। यह तर्क दिया गया कि अधिनियम आधिकारिक कर्तव्य करने वाले व्यक्तियों पर लागू नहीं होता है। प्राथमिकी में सोरेन ने आरोप लगाया कि ईडी ने उन्हें और उनके आदिवासी समुदाय को परेशान करने और बदनाम करने के लिए दिल्ली में उनके आवास की तलाशी ली। उन्होंने कहा कि यह जानबूझकर किया गया क्योंकि ईडी अधिकारी गैर-आदिवासी समुदाय से थे। फिलहाल हेमंत सोरेन अभी जेल में बंद हैं। Latest India News Source link

पीएम मोदी ने एक लाख स्ट्रीट वेंडरों को लोन बांटा, कहा- मैं गरीबों को पूछता और पूजता हूं’

Image Source : X@BJP4INDIA प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में कार्यक्रम के दौरान दिल्ली मेट्रो के चरण 4 के दो अतिरिक्त कॉरिडोर की आधारशिला रखी। इसके साथ ही एक लाख स्ट्रीट वेंडर्स को पीएम स्वनिधि योजना के तहत ऋण वितरित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पीएम स्वनिधि योजना के लाभार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह पीएम स्वनिधि महोत्सव उन लोगों को समर्पित है जिनके बिना हम अपने दैनिक जीवन की कल्पना नहीं कर सकते। कोरोना के समय में हर किसी को एहसास हुआ कि रेहड़ी-पटरी वालों की ताकत क्या होती है। रेहड़ी-पटरी वालों की सुध नहीं लेती थी पिछली सरकारेंः पीएम प्रधानमंत्री ने कहा कि रेहड़ी-पटरी वाले साथियों के ठेले, दुकान भले छोटे हों, लेकिन इनके सपने बड़े होते हैं। पहले की सरकारों ने इन साथियों की सुध तक नहीं ली, इनको अपमान सहना पड़ता था, ठोकरें खाने के लिए मजबूर होना पड़ता था। फुटपाथ पर सामान बेचते हुए पैसों की जरूरत पड़ जाती थी, तो मजबूरी में महंगे ब्याज पर पैसा लेना पड़ता था। बैंक से इनको लोन ही नहीं मिलता था। रेहड़ी-फुटपाथ-ठेले पर काम करने वालों की कमाई बढ़ी- पीएम प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी तक देश के 62 लाख लाभार्थियों को लगभग 11 हजार करोड़ रुपए मिल चुके हैं और अब तक का मेरा अनुभव है कि समय पर वो पैसे भी लौटाते हैं। मुझे खुशी है कि पीएम स्वनिधि के लाभार्थियों में आधे से अधिक हमारी माताएं-बहनें हैं। स्वनिधि योजना की वजह से रेहड़ी-फुटपाथ-ठेले पर काम करने वालों की कमाई बढ़ गई है। खरीद-बिक्री का डिजिटल रिकॉर्ड होने की वजह से अब बैंकों से मदद मिलने में भी आसानी हो गई है। सरकार का ये निरंतर प्रयास है कि गरीब और मिडिल क्लास के युवा, खेलकूद में आगे बढ़ें। इसके लिए बीते 10 वर्षों में हमने हर स्तर पर माहौल बनाया है। गरीबों से पीएम मोदी ने कही ये बात पीएम स्वनिधि योजना मोदी की ऐसी ही गारंटी है, जो आज रेहड़ी-पटरी, ठेले और ऐसे छोटे-छोटे काम करने वाले लाखों परिवारों की संबल बनी है। मोदी ने तय किया कि बैंकों से सस्ता लोन मिले और मोदी की गारंटी पर मिले। आपका ये सेवक गरीबी से निकलकर यहां पहुंचा है, मैं गरीबी को जी करके यहां आया हूं। इसलिए जिसको किसी ने नहीं पूछा, उसको मोदी ने पूछा भी है और पूजा भी है। अगर आपके पास गारंटी देने के लिए कुछ नहीं तो चिंता मत कीजिए…मोदी आपकी गारंटी लेता है। Latest India News Source link

पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल अस्पताल में भर्ती, हालत स्थिर

Image Source : FILE PHOTO प्रतिभा पाटिल पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को बुखार और सीने में संक्रमण की शिकायत के बाद महाराष्ट्र में पुणे शहर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनकी हालत स्थिर है। अस्पताल के अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। बुखार और सीने में इंफेक्शन की शिकायत 89 वर्षीय पूर्व राष्ट्रपति पाटिल को बुधवार को भारती अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया,‘‘ पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को कल रात अस्पताल में भर्ती कराया गया। उन्हें बुखार है और सीने में संक्रमण है। उनकी हालत स्थिर है। उनका उपचार किया जा रहा है और वह चिकित्सकों की निगरानी में हैं।’’ भारत की पहली महिला राष्ट्रपति बता दें कि प्रतिभा पाटिल भारत की पहली महिला राष्ट्रपति थीं। उन्होंने 2007 से 2012 तक शीर्ष संवैधानिक पद पर सेवाएं दीं। (भाषा) यह भी पढ़ें- Latest India News Source link

61 kg सोना, 40 करोड़ रुपये जब्त… DRI की बड़ी कार्रवाई, कई राज्यों में ताबड़तोड़ छापेमारी

DRI ने “राइजिंग सन” ऑपरेशन के तहत विदेशी मूल के सोने की तस्करी में शामिल एक बड़े सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया। DRI ने 61 kg तस्करी का सोना समेत करोड़ों रुपये और इलेक्ट्रॉनिक सामान जब्त किए। Source link

दूसरी लिस्ट में नए चेहरे कौन-कौन? बीजेपी ने गुजरात की 7 सीटों पर 5 नए प्रत्याशी, तो दिल्ली में दो और नए चेहरे उतारे

Image Source : PTI पीएम नरेंद्र मोदी के साथ, केंद्री गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा BJP Candidate 2nd List: 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बुधवार को 72 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी की। राजधानी दिल्ली की कुल 7 में से 5 लोकसभा सीटों पर बीजेपी उम्मीदवारों का ऐलान पहली लिस्ट में कर चुकी है। बची दो सीटों पर भी बीजेपी ने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया है। बीजेपी ने इन दो सीटों पर मौजूदा सांसदों का टिकट काट दिया है। पार्टी ने पूर्वी दिल्ली से हर्ष मल्होत्रा और उत्तर पश्चिम दिल्ली से योगेंद्र चंदोलिया को चुनावी मैदान में उतारा है। पहली लिस्ट में पार्टी ने मौजूदा चार सांसदों का टिकट काटकर नए प्रत्याशियों को मैदान में उतारा। केवल मनोज तिवारी रिपीट हुए। दिल्ली में बीजेपी ने 7 में से 6 सीटों पर नए चेहरे को मौका दिया है। इन राज्यों की सीटों पर उम्मीदवार हुए घोषित बीजेपी ने दूसरी लिस्ट में गुजरात से 7 उम्मीदवार, दिल्ली से 2, हरियाणा से 6, हिमाचल प्रदेश से 2, कर्नाटक से 20, मध्य प्रदेश से 5, उत्तराखंड से 2, महाराष्ट्र से 20, तेलंगाना से 06, त्रिपुरा से 1 और दादरा एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव से 1 प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किया है। गुजरात की बात की जाए तो गुजरात के 7 में से पांच नए उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है। गुजरात की 7 में से 5 सीटों पर नए चेहरे को मौका गुजरात में जिन 5 नए चेहरे को चुनावी मैदान में उतारा गया है, उनमें सूरत से मुकेश दलाल, भावनगर से नीमबेन बाभणिया, साबरकांठा से भीखाजी ठाकोर, छोटाउदयपुर से जाशुभाई राठवा और वलसाड से धवल पटेल हैं। वहीं, अहमदाबाद से हसमुख पटेल और वडोदरा से रंजनबेन भट्ट पर फिर से भरोसा जताया गया है। हरियाणा के सिरसा से सुनीता दुग्गल का कटा टिकट हरियाणा के अंबाला में सीटिंग सांसद रतनलाल कटारिया की मृत्यु के बाद उनके ही परिवार से उनकी पत्नी बंतो कटारिया को टिकट दिया गया। पहले कांग्रेस में रहे और उसके बाद आम आदमी पार्टी में जाने के बाद बीजेपी में शामिल हुए सिरसा के बड़े राजनीतिक चेहरे अशोक तंवर को सीटिंग सांसद सुनीता दुग्गल का टिकट काटकर चुनाव मैदान में उतारा गया। भिवानी-महेंद्रगढ़ से सीटिंग सांसद धर्मवीर पर ही एक बार फिर भरोसा जताया गया। गुड़गांव से राव इंद्रजीत सिंह और फरीदाबाद से कृष्ण पाल गुर्जर रिपीट हुए। Latest India News Source link

14 मार्च को रामलीला मैदान में किसानों की ‘महापंचायत’, दिल्ली पुलिस ने कड़े शर्तों के साथ दी मंजूरी

Image Source : PTI किसान आंदोलन। अपनी मांगों को लेकर किसानों का प्रदर्शन लगातार जारी है। अब संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने जानकारी दी है कि दिल्ली पुलिस ने उन्हें 14 मार्च को रामलीला मैदान में ‘किसान मजदूर महापंचायत’ आयोजित करने की अनुमति दे दी है। किसान संगठन का कहना है कि इस महापंचायत में मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ लड़ाई तेज करने का प्रस्ताव पारित किया जाएगा। वहीं, दिल्ली पुलिस ने इस मामले में कहा है कि उसने कड़ी शर्तों के साथ रामलीला मैदान में महापंचायत की इजाजत दी है। पुलिस ने क्या बताया? पुलिस उपायुक्त (मध्य) एम हर्षवर्धन ने कहा है कि हमने सख्त शर्तें लगाई हैं और एसकेएम नेताओं ने एक शपथपत्र पर हस्ताक्षर किए हैं कि वे शर्तों का पालन करेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा ने दावा किया है कि दिल्ली पुलिस ने महापंचायत आयोजित करने और दिल्ली नगर निकाय के सहयोग से पार्किंग स्थान और पानी, शौचालय और एम्बुलेंस जैसी अन्य बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था करने के लिए एनओसी जारी किया है। एसकेएम ने कहा है कि यह महापंचायत शांतिपूर्ण होगा। लोगों से जुड़ने की अपील संयुक्त किसान मोर्चा ने किसानों और कार्यकर्ताओं से महापंचायत में भाग लेने की अपील की है। मोर्चा ने कहा है कि इस कार्यक्रम को राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण और सफल बनाने की तैयारी की जा रही है। इस महापंचायत में मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ संघर्ष के लिए संकल्प पत्र भी पारित किया जाएगा। कई राज्यों के लोग शामिल होंगे- एसकेएम एसकेएम ने बताया है कि इस महापंचायत में आस पास के राज्यों के लोग भी शामिल होंगे। अधिकांश किसान ट्रेन से आ रहे हैं। दिल्ली तक बिना किसी परेशानी के यात्रा करने के लिए बसों और वाहनों पर संबंधित संगठनों के झंडों के अलावा स्टीकर लगा होगा। किसानों को गंतव्य तक छोड़ने के बाद वाहनों को दिल्ली में आवंटित स्थान पर खड़ा किया जाएगा। दिल्ली पुलिस भी ट्रैफिक एडवाइजरी भी जारी करेगी। (इनपुट: भाषा) Latest India News Source link

भारतीय मुसलमानों को CAA पर चिंता की जरूरत नहीं, उन्हें हिंदुओं के समान अधिकार मिलते रहेंगे: सरकार

Image Source : PTI अमित शाह, केंद्रीय गृह मंत्री नई दिल्ली : नागरिकता (संशोधन) कानून (सीएए) को लेकर मचे सियासी हंगामे के बीच गृह मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि सीएए से भारतीय मुसलमानों को किसी तरह की चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि इस कानून का भारतीय मुसलमानों से कोई लेना-देना नहीं है जिनके पास अपने समकक्ष हिंदू भारतीय नागरिकों के समान अधिकार हैं। मंत्रालय ने सीएए के संबंध में मुसलमानों और छात्रों के एक वर्ग की आशंका को दूर करने की कोशिश करते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि ‘‘इस कानून के बाद किसी भी भारतीय नागरिक को अपनी नागरिकता साबित करने के लिए कोई दस्तावेज पेश करने के लिए नहीं कहा जाएगा।’’ भारतीय मुसलमानों से कोई लेना देना नहीं-गृह मंत्रालय गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘भारतीय मुसलमानों को किसी तरह की चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि इस कानून में उनकी नागरिकता को प्रभावित करने वाला कोई प्रावधान नहीं है। नागरिकता कानून का वर्तमान 18 करोड़ भारतीय मुसलमानों से कोई लेना-देना नहीं है, जिनके पास अपने समकक्ष हिंदू भारतीय नागरिकों के समान अधिकार हैं।’’ केंद्र ने 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के बिना दस्तावेज वाले गैर-मुस्लिम प्रवासियों के लिए तेजी से नागरिकता प्रदान करने के वास्ते नागरिकता (संशोधन) कानून को सोमवार को अधिसूचित किया। गृह मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, ‘‘उन तीन मुस्लिम देशों में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों के कारण पूरी दुनिया में इस्लाम की छवि बुरी तरह खराब हुई है। हालांकि, इस्लाम एक शांतिपूर्ण धर्म होने के नाते, कभी भी धार्मिक आधार पर घृणा, हिंसा, उत्पीड़न को बढ़ावा नहीं देता है।’’ सीएए मुस्लिम अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं-गृह मंत्रालय बयान में कहा गया कि यह कानून अत्याचार के नाम पर इस्लाम की छवि खराब होने से बचाता है। कानून की आवश्यकता बताते हुए मंत्रालय ने कहा कि भारत का अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ प्रवासियों को इन देशों में वापस भेजने के लिए कोई समझौता नहीं है। बयान में कहा गया, ‘‘यह नागरिकता कानून अवैध प्रवासियों के निर्वासन से संबंधित नहीं है। इसलिए मुसलमानों और छात्रों सहित लोगों के एक वर्ग की चिंता अनुचित है कि सीएए मुस्लिम अल्पसंख्यकों के खिलाफ है।’’ मंत्रालय ने कहा कि नागरिकता अधिनियम की धारा 6, जो प्राकृतिक आधार पर नागरिकता से संबंधित है, के तहत दुनिया में कहीं से भी मुसलमानों के लिए भारतीय नागरिकता प्राप्त करने पर कोई रोक नहीं है। बयान में कहा गया कि अन्य धर्मों वाले भारतीय नागरिकों की तरह भारतीय मुस्लिमों के लिए आजादी के बाद से उनके अधिकारों की स्वतंत्रता और अवसर को कम किए बिना, सीएए ने 31 दिसंबर, 2014 को या उससे पहले भारत आने वाले लोगों के उत्पीड़न की पीड़ा को कम करने तथा उनके प्रति उदार व्यवहार दिखाने के उद्देश्य से नागरिकता के लिए आवेदन की योग्यता अवधि को 11 से कम कर पांच साल कर दिया है। सीएए लाने के औचित्य पर जोर देते हुए मंत्रालय ने कहा कि उन तीन देशों के उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों के प्रति सहानुभूति दर्शाने के लिए यह कानून, भारत की उदार संस्कृति के अनुसार उनके सुखी और समृद्ध भविष्य के लिए उन्हें भारतीय नागरिकता प्राप्त करने का अवसर देता है। बयान में कहा गया, ‘‘नागरिकता प्रणाली में जरूरत के अनुसार बदलाव लाने और अवैध प्रवासियों को नियंत्रित करने के लिए इस कानून की आवश्यकता थी।’’ मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि यह कानून किसी भी मुस्लिम को मौजूदा कानूनों के तहत भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने से नहीं रोकता है, जिसे इस्लाम के अपने तौर-तरीकों का पालन करने के लिए उन तीन इस्लामिक देशों में उत्पीड़न का सामना करना पड़ा हो। सीएए के क्रियान्वयन के खिलाफ मंगलवार को असम सहित देश के कुछ हिस्सों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। (इनपुट-भाषा) Latest India News Source link

Rajat Sharma’s Blog: CAA से किसी को डरने की ज़रूरत नहीं है

Image Source : INDIA TV इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा। देश भर में 11 मार्च से CAA कानून लागू हो गया। हालांकि CAA दिसंबर 2019 में ही संसद में पास हो गया था, राष्ट्रपति के दस्तखत भी हो गए थे लेकिन उसके बाद कोविड महामारी आ गई। इसलिए अब तक CAA के नियम अधिसूचित नहीं हो पाये थे। सोमवार शाम को सरकार ने CAA रूल्स को नोटीफाई कर दिया। चूंकि गृह मंत्री अमित शाह ने तीन महीने पहले बंगाल में कहा था कि चुनाव से पहले देश भर में CAA लागू होकर रहेगा, ममता बनर्जी, असदुद्दीन ओवैसी समेत तमाम नेताओं और मुस्लिम संगठनों ने इसका विरोध किया था। 2019 में भी CAA के खिलाफ देश भऱ में प्रोटेस्ट हुए थे, दिल्ली में शाहीन बाग का धरना तो कई महीनों तक चला था, इसलिए सोमवार को जैसे ही सरकार ने नोटिफिकेशन जारी किया, मुस्लिम संगठनों ने विरोध किया। ओवैसी ने इसे चुनावी पैंतरा बताया, अखिलेश यादव ने कहा, जब देश के नागरिक रोज़ी-रोटी के लिए बाहर जाने पर मजबूर हैं, तो दूसरों के लिए नागरिकता कानून लाने से क्या होगा? गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया पर 39 पन्नों का नोटिफ़िकेशन जारी कर दिया। नागरिकता हासिल करने के नियम क़ायदे तय कर दिए गए हैं। इस क़ानून के तहत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफ़ग़ानिस्तान में धर्म के आधार पर सताए गए लोग, भारत की नागरिकता ले सकेंगे। इन देशों के जो हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आ चुके हैं, उनको CAA के तहत नागरिकता मिल सकेगी। इन देशों के मुस्लिम नागरिकों को भारत की नागरिकता नहीं मिल सकेगी। पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफ़ग़ानिस्तान के जो शरणार्थी भारत की नागरिकता लेना चाहेंगे, वो ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। इन सभी शरणार्थियों को अपने आप भारत की नागरिकता नहीं मिलेगी। उन्हें ऑनलाइन एप्लीकेशन देनी होगी। हर जिले में एक empowered कमेटी बनेगी। ये कमेटी आवेदनों की जांच करेगी और हर ज़िले की कमेटी को दस्तेवाजों की जांच करने के बाद भारत की नागरिकता देने का हक होगा। पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिन्दू, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन और पारसी लोगों को दो बातों का ख्याल रखना है। एक तो ये साबित करने वाले दस्तावेज देने होंगे कि वो इन देशों के नागरिक थे और दूसरा, ये साबित करने वाले दस्तावेज देने होंगे कि वो 31 दिसंबर 2014 से पहले से भारत में रह रहे हैं। नोटिफिकेशन के मुताबिक, नागरिकता के लिए अप्लाई करने वालों को अपने देश का पासपोर्ट, वहां की सरकार की तरफ से जारी कोई लाइसेंस, नागरिकता का प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाणपत्र, जमीनों के कागजात या फिर अपने माता-पिता या दादा के पाकिस्तानी, बांग्लादेशी या अफ़ग़ानी नागरिक होने के सर्टिफिकेट भी जमा कर सकते हैं। इसके अलावा अगर वो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए थे, तो वीजा की कॉपी, विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी भारत में रहने का प्रमाण पत्र, स्कूल में एडमीशन का सर्टिफिकेट, बर्थ सर्फिकेट, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस जैसा कोई भी दस्तावेज जिससे ये साबित हो कि नागरिकता के लिए अप्लाई करने वाले 2014 से पहले से भारत में रह रहा है, ये सारे दस्तावेज आवेदन के साथ ऑनलाइन जमा करने होंगे। स्तरीय कमेटी उनकी जांच करेगी, फिर आवेदक को बुला सकती है और सब कुछ ठीक होने पर भारत की नागरिकता दे सकती है। जैसे ही CAA लागू होने की ख़बर आई, पश्चिम बंगाल में मतुआ समुदाय ने जश्न मनाना शुरू कर दिया। मतुआ समुदाय की महिलाओं ने ढोल बजाकर नया क़ानून लागू करने का स्वागत किया। मतुआ समुदाय के लोगों ने बांग्लादेश में सताए जाने के बाद भारत में पनाह ली थी लेकिन अभी तक उन्हें भारत की नागरिकता नहीं मिली थी। वो शरणार्थी की तरह रह रहे थे, उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलता था। बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि CAA लागू होने से बंगाल में ढाई तीन करोड़ हिंदुओं में ख़ुशी की लहर है क्योंकि इससे उनको वेरिफिकेशन और नौकरियों के लिए जहां-तहां भागदौड़ नहीं करनी होगी। लेकिन ममता संभल कर बोलीं। उन्होंने कहा कि CAA तो बीजेपी का राजनीतिक पैंतरा है, वो पहले इस क़ानून के नियमों को पढ़ेंगी, फिर कुछ कहेंगी। CPM के नेता मुहम्मद सलीम ने कहा कि जब मोदी और ममता कोलकाता के राजभवन में मिले थे, तभी दोनों के बीच CAA पर डील हो गई थी। AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि CAA संविधान के ख़िलाफ़ है, इसलिए, मुसलमान इसका विरोध करते रहेंगे, फिर सड़कों पर उतरेंगे। कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि कानून तो चार साल पहले बन गया था, इसे चुनाव से पहले नोटिफाई इसलिए किया गया ताकि मज़हबी भावनाओं को भड़काया जा सके। CAA का कानून बनने के बाद सबसे बड़ा सवाल ये उठा है कि इस कानून को 4 साल बाद क्यों लागू किया गया? क्या इसका चुनाव से कोई संबंध है, तो मैं कहूंगा कि चुनाव से नाता तो है। ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल और ओवैसी जैसे नेता जब CAA का विरोध करेंगे, तो बीजेपी को फायदा तो होगा। CAA को लेकर जब बयानबाजी होगी, मुस्लिम भाइयों को डराने भड़काने की कोशिश होगी, चुनाव में इसे मुद्दा बनाया जाएगा, तो जाहिर है बीजेपी को फायदा होगा। लेकिन मुझे लगता है चुनावी फायदे से हटकर इस कानून को और इसके rules को समझने की जररूत है। मुस्लिम भाई-बहनों को इसका हकीकत बताना जरूरी है। पहली बात तो ये कि CAA का भारतीय नागरिकों से सरोकार नहीं हैं। इसमें किसी भी भारतीय की नागरिकता नहीं जाएगी। ये कानून सिर्फ पड़ोसी देशों में जुल्मों की शिकार अल्पसंख्यकों की मदद के लिए हैं। पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भागकर भारत आने वाले हिन्दू, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध और पारसियों के लिए हैं। इन समुदायों के जो लोग 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए हैं, उन्हें अब भारतीय नागरिकता मिल पाएगी। इससे हमारे देश के मुस्लिम या किसी और धर्म से जुड़े किसी भारतीय की नागरिकता पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा, न उस पर सवाल उठेंगे, न उनसे कागज़ मांगे जाएंगे। ये सारी आशंकाएं, बेबुनियाद हैं, बे-सिरपैर की हैं। CAA सिर्फ नागरिकता देने का कानून है, लेने का नहीं। इसीलिए इस कानून से किसी को परेशान होने की … Read more

भोपाल से दिल्ली जा रही वंदे भारत एक्सप्रेस नंदी से टकराई, हादसे की वजह से इंजन के आगे का हिस्सा टूटा

Image Source : INDIA TV वंदे भारत एक्सप्रेस का एक्सीडेंट मुरैना: भोपाल से दिल्ली जा रही वंदे भारत एक्सप्रेस (20171) हादसे का शिकार हो गई है। ग्वालियर से मुरैना आते समय ट्रेन नंदी से टकरा गई। मुरैना के शिकारपुर रेलवे फाटक पर खंबा नंबर 1226 के 25 नंबर पर ये हादसा हुआ। टक्कर इतनी तेज थी कि इंजन के आगे का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है। ट्रेन के सभी यात्री सुरक्षित गनीमत ये रही कि ट्रेन के सभी यात्री सुरक्षित हैं। हादसे के बाद करीब 10 मिनट तक ट्रेन खड़ी रही। मौके पर पहुंचे रेल अधिकारियों ने निरीक्षण के बाद ट्रेन रवाना कर दी। आज शुरू हुईं 10 नई ट्रेनें बता दें कि आज ही पीएम मोदी ने देश को दस नई वंदे भारत ट्रेनों की सौगात दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद से 10 नई वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई। इसके साथ ही पीएम मोदी ने 85 हजार करोड़ रुपये की कई रेलवे परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया। इस दौरान रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, सीएम भूपेन्द्र पटेल और राज्य भाजपा प्रमुख सीआर पाटिल भी मौजूद रहे। पीएम ने क्या कहा वहीं इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि “हमारी सरकार ने भारतीय रेलवे को नरक जैसी स्थिति से बाहर निकालने के लिए आवश्यक इच्छाशक्ति दिखाई। अब, रेलवे का विकास सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है।” उनहोंने कहा, “यह दिन इच्छाशक्ति का जीता-जागता सबूत है। देश के युवा तय करेंगे कि उन्हें कैसा देश और रेलवे चाहिए। ये 10 साल का काम अभी तो ट्रेलर है, मुझे तो और आगे जाना है।” (इनपुट: उपेंद्र गौतम) Latest India News Source link

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