झारखंड: दलबदलू नेताओं को सबक; पाला बदलकर लड़े सांसद का चुनाव, जनता ने नकारा, अब विधायकी भी गई

राजनीतिक: झारखंड विधानसभा अध्यक्ष ने गुरुवार को दलबदल रोधी कानून के तहत दो विधायकों को अयोग्य ठहराया। यह आदेश 26 जुलाई से प्रभावी होगा।

सिक्किम के लाचुंग में भारी बारिश और भूस्खलन, 1200 से ज्यादा पर्यटक फंसे, कई विदेशी भी शामिल

सिक्किम के लाचुंग इलाके में भारी बारिश और भूस्खलन के चलते सड़कें जगह-जगह से बह गई हैं। हालात इतने खराब हैं कि राज्य में 1200 से ज्यादा पर्यटक फंस गए हैं।

आंध्र प्रदेश: चंद्रबाबू नायडू ने जमकर की BJP की तारीफ, बताया कैसे एक साधारण कार्यकर्ता बन गया सांसद

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने बीजेपी की तारीफ करते हुए कहा कि यह पार्टी इसीलिए अलग है कि इसमें एक साधारण कार्यकर्ता भी सांसद और केंद्रीय मंत्री

यूपी के इस शहर में मिलते हैं 12 तरह के हलवे, बादशाह भी आते थे इस चौक पर खाने!

Image Source : SOCIAL Varieties of Halwa In Lucknow यूपी का ये शहर अपनी शान और मोहब्बत के लिए फेमस है। मोहब्बत यहां के लोगों की भाषा में ही नहीं, खाने में भी है। दरअसल, हम यूपी से बेहद खूबसूरत और रूहानी शहर लखनऊ की कर रहे हैं। आज हम आपको यहां की एक खास चीज के बारे में बताएंगे। दरअसल, यहां की एक फेमस जगह अपने सबसे पुराने हलवे की दुकान के लिए प्रसिद्ध है। इस दुकान पर आपको लगभग 12 प्रकार के हलवे मिल जाएंगे जो कि अलग-अलग रेसिपी से तैयार हैं और ये रेसिपी बादशाह और मुगलों के जमाने की है। तो, आइए जानते हैं लखनऊ में कहां है ये दुकान और यहां कौन-कौन से हलवे मिलते हैं। लखनऊ जाएं तो हलवा खाने चौक जरूर जाएं लखनऊ के चौक में गोल दरवाजा के पास टुंडे कबाबी है जिसके बिलकुल सामने हाजी स्वीट शॉप है जहां 12 प्रकार के हलवे हैं। ये लखनऊ की सबसे पुरानी दुकानों में से एक, जो हलवे की व्यापक रेंज बेचती है। यहां 12 प्रकार का हलवा मिलता है। जैसे कीवी हलवा सफेद गाजर का हलवा काली गाजर का हलवा अनानास का हलवा सेब हलवा अंजीर हलवा काजू हलवा बादाम हलवा जौजी का हलवा दूधिया हलवा पिस्ता हलवा खजूर का हलवा उदयपुर से लेकर गोवा तक, फरवरी में भारत में घूमने की ये हैं बेस्ट जगह इसके अलावा आप लखनऊ के चौक में तरह-तरह की चीजों को कर सकते हैं जैसे कि आप यहां के टुंडे कबाबी में कबाब खा सकते हैं। इसके अलावा आप यहां से चिकन के कपड़ों की शॉपिंग कर सकते हैं। साथ ही यहां से निकलकर आप पूरे लखनऊ में जगह-जगह कई सारी चीजें खरीद सकते हैं और पूरा शहर घूम सकते हैं। तो, अगर आप लखनऊ जा रहे हैं तो आपको बिना इन हलवों का स्वाद लिए नहीं लौटना चाहिए। ओट्स और चिया सीड्स के स्मूदी से वजन होगा कम, मिलेगा ग्लोइंग स्किन और बाल; जानें बनाने की विधि Latest Lifestyle News Source link

आज UCC बिल पेश करेगी धामी सरकार, उत्तराखंड विधानसभा के बाहर धारा 144 लागू

Image Source : PTI उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को राज्य सरकार समान नागरिक संहिता पर विधेयक पेश करेगी। उत्तराखंड कैबिनेट ने इस बिल को मंजूरी दे दी है। ड्राफ्टिंग कमेटी ने UCC के ड्राफ्ट को 2 फरवरी को मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी को सौंपा था। सोमवार से उत्तराखंड विधानसभा सत्र शुरू हो गया है। अब ड्राफ्ट सदन में रखा जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को कहा, “समान नागरिक संहिता की लंबे समय से सबको प्रतीक्षा थी। बहुत जल्द सबकी प्रतीक्षा समाप्त हो रही है। मंगलवार को हम इसे विधानसभा में पेश करेंगे और आगे इस पर चर्चा होगी। मेरा अन्य दलों के साथियों से भी अनुरोध है कि इस चर्चा में सकारात्मक रूप से भाग लें।” 2 लाख 33 हजार लोगों ने अपने विचार दिए यूसीसी पर चार खंडों और 740 पृष्ठों के ड्राफ्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय समिति ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी को सौंपा था। इसके बाद उत्तराखंड कैबिनेट ने रविवार को यूसीसी के प्रस्‍ताव को मंजूरी दे दी थी। यूसीसी को लेकर 2 लाख 33 हजार लोगों ने अपने विचार दिए थे। ड्राफ्ट में करीब 10 फीसदी परिवारों के विचारों को सम्मिलित किया गया है। UCC बिल से क्या-क्या बदल सकता है? शादी की उम्र- 18 साल से पहले लड़कियों की शादी नहीं हो पाएगी शादी का रजिस्ट्रेशन- विवाह का रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा तलाक पर समान अधिकार- तलाक के लिए पति-पत्नी को बराबर का हक बहु विवाह पर रोक- एक पति या पत्नी के जीवित रहते दूसरी शादी नहीं लिव इन रिलेशन- लिव इन रिलेशनशिप का डिक्लेरेशन देना जरूरी जनजातियां- अनुसूचित जनजातियों के लोग यूसीसी से बाहर रहेंगे सदन में बीजेपी के पास बहुमत सदन में बीजेपी के पास बहुमत है, इसलिए यूसीसी के विधेयक का पारित होना तय माना जा रहा है। बीजेपी के सदन में 47 विधायक हैं। साथ ही उसे दो निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन है। UCC ड्रॉफ्टिंग कमेटी ने 72 बैठकें की हैं। माना जा रहा है ड्राफ्ट में पारंपरिक रीति रिवाज से छेड़छाड़ नहीं की गई है और यह पूरा ड्राफ्ट महिला केंद्रित होगा। साथ ही संभावना जताई जा रही है कि इससे बहुविवाह पर रोक लगेगी। 2024 के चुनाव का गेमचेंजर फैसला धामी सरकार का ये कदम 2024 के चुनाव से पहले गेमचेंजर साबित हो सकता है। वहीं कुछ संगठन बिल के विरोध में हैं। सरकार ने साफ कर दिया है कि इस बिल से किसी का नुकसान नहीं होगा। वहीं, विरोध प्रदर्शन को देखते हुए विधानसभा के आस-पास धारा 144 लगा दी गई है। विधानसभा आने जाने वाले रास्तों पर बैरिकेडिंग लगाई गई है। Latest India News Source link

IMD Alert: कड़ाके की ठंड से कांप रहा पूरा उत्तर भारत, जानें कब मिलेगी शीतलहर से राहत?

IMD Alert: इन दिनों राजधानी दिल्ली सहित पूरा उत्तर भारत कड़ाके की ठंड की चपेट में है। कुछ इलाकों में अगले कुछ दिनों तक शीतलहर के साथ ही घना कोहरा छाए रहने की उम्मीद है। जानिए कब मिलेगी कंपकंपाती ठंड से राहत?

पश्चिम बंगाल में अपने अधिकारियों पर हुए हमले के मामले में FIR के लिए ईडी ने शिकायत दर्ज कराई

Image Source : PTI घायल ईडी अधिकारी को देखने पहुंचे पश्चिम बंगाल के राज्यपाल नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले में छापेमारी के दौरान भीड़ के हमले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों को गंभीर चोटें आईं और उनके पर्स समेत अन्य सामान लूट लिए गए। ईडी ने कहा है कि शुक्रवार देर शाम जारी एक आधिकारिक बयान में, संघीय एजेंसी ने कहा कि इसने आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए स्थानीय पुलिस में एक शिकायत दी है। ईडी की टीम पर उस वक्त हमला किया गया, जब वह राशन वितरण घोटाले के सिलसिले में उत्तर 24 परगना स्थित संदेशखली में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता शेख शाहजहां के आवास पर तलाशी लेने गई थी। भीड़ ने जान लेने की मकसद से ईडी अधिकारियों पर किया हमला-ईडी एजेंसी ने अपने बयान में कहा, ‘‘ईडी अधिकारियों की ड्यूटी के दौरान उनपर भीड़ (संदेह है कि शेख और उनके सहयोगियों के उकसावे पर) ने हमला किया। तीन अधिकारियों को गंभीर चोटें आईं, क्योंकि भीड़ जान लेने के मकसद से ईडी अधिकारियों की ओर बढ़ रही थी।’’ ईडी ने बताया कि घायल अधिकारियों का एक अस्पताल में इलाज हो रहा है। संघीय एजेंसी ने कहा कि अन्य अधिकारियों को अपनी जान बचाने के लिए तलाशी लिये बगैर मौके से भागना पड़ा, क्योंकि भीड़ ‘बहुत हिंसक’ हो गई थी और यहां तक कि उसने अधिकारियों का पीछा भी किया, ताकि उन्हें अपना आधिकारिक कार्य करने से रोक सकें। भीड़ ने मोबाइल, पर्स, लैपटॉप लूट लिए-ईडी एजेंसी के बयान के मुताबिक ”भीड़ ने ईडी अधिकारियों के मोबाइल फोन, लैपटॉप, नकदी, बटुआ आदि जैसी निजी/सरकारी वस्तुएं भी छीन या लूट लीं।’’ एजेंसी ने कहा, ‘‘दोषियों के खिलाफ प्राथमिकी और आवश्यक कार्रवाई के लिए क्षेत्राधिकार रखने वाले पुलिस थाने में जरूरी शिकायत दी गई।’’ तलाशी टीम जैसे ही शेख के आवास पर पहुंची, दरवाजा अंदर से बंद पाया गया और उन्होंने इसे खोलने से इनकार कर दिया। एजेंसी ने कहा कि इसके अधिकारियों ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के कर्मियों की मदद से दरवाजा खुलवाने की कोशिश की। 800 से 1000 लोगों की भीड़ ने किया हमला-ईडी एजेंसी ने अपने बयान में कहा , ‘‘उस वक्त उनके मोबाइल फोन के लोकेशन से यह संकेत मिला कि वह घर के अंदर ही थे। इसके बाद, आधे घंटे के अंदर करीब 800 से 1000 व्यक्तियों की भीड़ ने ईडी की टीम की ओर बढ़ना शुरू कर दिया। भीड़ में शामिल लोगों के हाथों में लाठी, पत्थर, ईंट आदि थी। उन्होंने ईडी अधिकारियों और सीआरपीएफ कर्मियों को घेर लिया।’’ एजेंसी ने कहा, ‘‘अचानक भीड़ ने ईडी अधिकारियों और सीआरपीएफ कर्मियों पर हमला करना शुरू कर दिया, उनपर पथराव किया तथा अधिकारियों और सीआरपीएफ के 27 कर्मियों पर लाठियों से हमला किया। ईडी अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी भी की।’’ ईडी ने कहा कि भीड़ ने अधिकारियों और सुरक्षा कर्मियों के वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया। (भाषा) Latest India News Source link

पंजाब: अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित DSP दलबीर सिंह की संदिग्ध हालात में मौत, कुचला हुआ मिला पैर

चंडीगढ़: पंजाब सशस्त्र पुलिस (पीएपी) के एक उपाधीक्षक (डीएसपी) को सोमवार को संदिग्ध हालात में मृत पाया गया है। सोमवार को जालंधर में जैसे ही इस बात की जानकारी मिली, वैसे ही हड़कंप मच गया। पुलिस ने यह जानकारी दी है। पुलिस के मुताबिक डीएसपी दलबीर सिंह

राजस्थान: सीएम पद की रेस में थे बाबा बालकनाथ, मंत्री पद भी नहीं मिला, इन 3 भगवाधारियों को किया गया नजरअंदाज

Image Source : FACEBOOK बाल मुकुंदाचार्य, बाबा बालकनाथ और महंत प्रतापपुरी को कोई मंत्रालय नहीं मिला जयपुर: राजस्थान में भजन लाल सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार हो चुका है। कुल 22 नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली है। इसमें 12 कैबिनेट मंत्री, 5 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 5 राज्य मंत्री हैं। हैरानी की बात ये है कि भजन लाल सरकार में बाबा बालकनाथ समेत 3 भगवाधारियों में से एक को भी जगह नहीं दी गई है। जबकि बाबा बालकनाथ तो सीएम पद की रेस में भी थे। सियासी गलियारों में चर्चारों का बाजार गरम सियासी गलियारों में इस बात की खूब चर्चा है कि भजन लाल सरकार में बाबा बालकनाथ, महंत प्रतापपुरी और बाल मुकुंदाचार्य को कोई जगह नहीं दी गई है। चुनाव के बाद ये तीनों ही नेता खूब चर्चा में थे। बाबा बालकनाथ तो सीएम पद की रेस में थे। जब उन्हें सीएम नहीं बनाया गया तो लोगों को लगा कि उन्हें मंत्री पद मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसके अलावा चर्चा इस बात की भी है कि सिर्फ एक गुर्जर विधायक जवाहर सिंह बेडम को राज्यमंत्री का दर्जा मिला है। कौन हैं बाबा बालकनाथ? बाबा बालकनाथ पहले अलवर से सांसद थे। उन्हें राजस्थान चुनाव में तिजारा सीट से कैंडीडेट बनाया गया था, जिसमें उन्होंने जीत हासिल की। बालकनाथ ने अपने प्रतिद्वंदी और कांग्रेस प्रत्याशी इमरान खान को करीब 10,707 मतों से हराया था। विधानसभा चुनाव में जीत के बाद से ही बाबा बालकनाथ को राजस्थान के सीएम पद का दावेदार माना जा रहा था। उन्हें राजस्थान का योगी आदित्यनाथ भी कहा जाता है। लेकिन राज्य में जब सीएम का ऐलान हुआ तो सत्ता की चाबी भजन लाल शर्मा को सौंप दी गई। बालकनाथ को डिप्टी सीएम भी नहीं बनाया गया। बीजेपी आलाकमान के इस फैसले के बाद ये चर्चा होने लगी कि बाबा बालकनाथ को कोई अहम मंत्रालय दिया जा सकता है। लेकिन आज जब राजस्थान में सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ, तो उसमें बालकनाथ का नाम नहीं था। इसके बाद से सियासी गलियारों में इस बात की खूब चर्चा हो रही है। कब बने थे पहली बार सांसद? साल 2019 के लोकसभा चुनावों में अलवर से कांग्रेस के दिग्गज नेता भंवर जितेंद्र सिंह को हराकर बाबा बालकनाथ पहली बार सांसद बने थे। कांग्रेस के दिग्गज नेता को करारी पटखनी देने के बाद ही ‘बाबा’ के नाम को राजनीति के गलियारे में बंपर उछाल मिला। हालही में बालकनाथ उस वक्त चर्चा में आए थे, जब उन्होंने राजस्थान पुलिस के डीएसपी को थाने में घुसकर धमका दिया था। बीजेपी कार्यकर्ता को हिरासत में लेने से नाराज सांसद ने डीएसपी से कहा था- मेरा नाम याद रखना। मेरी सूची में तीन लोग हैं, एक तो यहां के विधायक, पुराने थानेदार और अब आप भी मेरी लिस्ट में हैं। बाबा बालकनाथ की आसपास के क्षेत्र में काफी अच्छी पकड़ हैं और वे लोगों में अपने हिंदुत्व एजेंडे को लेकर भी काफी प्रचलित हैं। ये भी पढ़ें: शाहरुख खान का जलवा बरकरार, पहली बार यूरोप के सबसे बड़े सिनेमाघर में दिखाई गई अयोध्या पहुंचेंगे पीएम मोदी, कब करेंगे एयरपोर्ट और रेलवे जंक्शन का उद्घाटन? जानें पूरा शेड्यूल Latest India News Source link

रांची: रात के अंधेरे में बिजली के खंभे से टकराई कार, पिलर के हुए तीन टुकड़े; 4 की मौत

रांची में बुधवार देर रात एक कार बिजली के खंभे से टकरा गई, जिससे चार युवकों की मौत हो गई। पुलिस अधिकारी ने बताया कि कार की रफ्तार इतनी तेज थी कि इस टक्कर में खंभे के तीन टुकड़े हो गए और कार पलट गई।

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