India and Japan: ग्लोबलाइज्ड दुनिया में भारत और जापान वैश्विक साझेदार, विदेश मंत्री जयशंकर ने टोकियो में कराया ताकत का एहसास

Image Source : PTI टोकियो में विदेश मंत्री एस जयशंकर। विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत और जापान ‘‘पुन: वैश्वीकरण’’ की ओर बढ़ रहे विश्व में स्वाभाविक साझेदार हैं और लोकतंत्र एवं बाजार (मांग एवं आपूर्ति) आधारित अर्थव्यवस्था होने के नाते दोनों देश के बीच कई बुनियादी समानताएं हैं। जयशंकर दक्षिण कोरिया और जापान की चार दिवसीय यात्रा के दूसरे चरण के तहत इस समय तोक्यो में है। मंत्री ने यहां पहले ‘रायसीना गोलमेज सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘लचीली एवं विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखलाओं और भरोसेमंद एवं पारदर्शी डिजिटल लेनदेन की व्यवस्था के साथ दुनिया पुन: वैश्वीकरण की ओर बढ़ रही है। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘आज शीर्ष 20 या 30 देश वैसे नहीं हैं, जैसे वे दो दशक पहले थे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘न केवल हमें प्रभावित करने वाले देश अलग हैं, बल्कि उनका सापेक्ष प्रभाव, महत्व और क्षमता भी अलग हैं। परिणामस्वरूप, नया संतुलन तलाशा जा रहा है और कभी-कभी इसे हासिल भी किया जाता है।’’ जयशंकर ने कहा कि भारत और जापान दुनिया के पुन: वैश्वीकरण में स्वाभाविक भागीदार हैं और लोकतंत्र तथा बाजार आधारित अर्थव्यवस्था के रूप में उनके बीच बुनियादी समानताएं भी हैं। उन्होंने यह भी कहा कि स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत के लिए भारत और जापान की प्रतिबद्धता को क्वाड (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) हर साल आगे बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘इस योगदान के मूल्य को दुनिया भर में तेजी से सराहा जा रहा है। भारत अंतरराष्ट्रीय एजेंडे को आकार देने वाला देश ’’ ‘क्वाड’ अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, भारत और जापान के बीच चार सदस्यीय रणनीतिक सुरक्षा संवाद है। उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि भारत और जापान ने जिस सहजता का निर्माण किया है वह ऐसे समय में अधिक महत्वाकांक्षी ढंग से सोचने की नींव है जब दोनों देश भविष्य के अवसरों और चुनौतियों की ओर देख रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले दशक में भारत का विकास इस साझेदारी के लिए और भी अधिक संभावनाएं पैदा करता है।’’ जयशंकर ने कहा कि भारत का परिवर्तन इसे अधिक प्रभावी और विश्वसनीय भागीदार बनाता है। उन्होंने कहा, ‘‘चाहे वह व्यापार करने में आसानी हो, बुनियादी ढांचे का विकास हो, जीवन सुगमता हो, डिजिटल सुविधा हो, स्टार्टअप और नवाचार संस्कृति हो या अंतरराष्ट्रीय एजेंडे को आकार देना हो, भारत आज स्पष्ट रूप से बहुत अलग देश है। जापान के लोगों के लिए इसे पहचानना महत्वपूर्ण है। ’’ विदेश मंत्रालय ने जयशंकर की यात्रा से पहले नयी दिल्ली से जारी एक बयान में कहा था कि रायसीना गोलमेज सम्मेलन भारत और जापान के बीच ‘ट्रैक 2’ आदान-प्रदान को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। बयान में कहा गया कि तोक्यो में जयशंकर की यात्रा और बैठकें विभिन्न क्षेत्रों में भारत के सहयोग को रणनीतिक मार्गदर्शन प्रदान करेंगी, द्विपक्षीय आदान-प्रदान को और गति प्रदान करेंगी तथा भविष्य के सहयोग के लिए एजेंडा तय करेंगी। (भाषा) यह भी पढ़ें- अदन की खाड़ी में दुनिया ने फिर देखी भारतीय नौसेना की ताकत, जहाज पर हमले के बाद 21 सदस्यों की बचाई जान Latest World News Source link

किम जोंग को जवाब देने के लिए जंगी अभ्यास कर रहा दक्षिण कोरिया, अमेरिका और जापान के साथ दिखाई ताकत

उत्तर कोरिया के ताबड़तोड़ बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षणों और तोप गोले दागने के जवाब में दक्षिण कोरिया ने भी जंगी अभ्यास शुरू कर दिया है। किम जोंग को ताकत दिखाने के लिए उत्तर कोरिया से लगी सीमा पर दक्षिण कोरिया ने अमेरिका और जापान के साथ मिलकर बड़ा सैन्य अभ्यास शुरू किया है।

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