खुदरा निवेशकों की भागीदारी में उछाल तथा बाजार में तेजी से मार्च 2024 के अंत में स्मॉल-कैप म्यूचुअल फंड श्रेणी की संपत्ति 2.43 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ गई। यह सालाना अधार पर 83 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्शाता है। संपत्ति में वृद्धि को निवेशकों की संख्या में वृद्धि ने बल दिया। मार्च 2024 में फोलियो की संख्या 1.9 करोड़ तक पहुंच गई, जो एक साल पहले 1.09 करोड़ थी। इसमें 81 लाख इज़ाफा हुआ। यह स्मॉल-कैप फंड के प्रति निवेशकों के रुझान को दर्शाता है।
स्मॉलकैप फंड्स में बढ़ रहा रूझान
फायर्स में उपाध्यक्ष (अनुसंधान) गोपाल कवलिरेड्डी ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था का वृद्धि पथ लोगों की बढ़ी हुई रुचि को आकर्षित कर रहा है। इससे कई गैर-सूचीबद्ध स्मॉल-कैप कंपनियां पूंजी बाजार से समर्थन मांग रही हैं। यह प्रवृत्ति दीर्घकालिक विकास संभावनाओं पर नजर रखने वाले निवेशकों को आशाजनक अवसर प्रदान करती हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि आम चुनाव, मानसून पूर्वानुमान, आर्थिक गतिविधि, मुद्रास्फीति, जीडीपी अनुमान और वित्त वर्ष 2024-25 की आय वृद्धि जैसे कारक स्मॉल-कैप कंपनी के मूल्यांकन को प्रभावित कर सकते हैं और इस खंड में अस्थिरता ला सकते हैं।
40 हजार करोड़ से ज्यादा निवेश आया
वित्त वर्ष 2023-24 में स्मॉल-कैप फंड में 40,188 करोड़ रुपये का प्रवाह देखा गया, जो पिछले वित्त वर्ष में दर्ज 22,103 करोड़ रुपये से कहीं अधिक है। हालांकि मार्च के महीने में स्मॉल-कैप फंड में दो साल में पहली बार 94 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली भी देखी गई। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआई) के आंकड़ों के अनुसार, स्मॉल-कैप म्यूचुअल फंड की प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) मार्च 2023 के अंत में 2.43 लाख करोड़ रुपये और मार्च 2022 में 1.33 लाख करोड़ रुपये थी।
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