Bollywood: ‘एक पल का जीना’, ‘ओ सनम’, ‘आ भी जा’ ये सदाबहार गाने आज भी लोगों की जुबान पर हैं. इन गानों में आज भी वो खूबी है कि ये दिल को छू जाते हैं. अगर आप इन गानों को सुनने बैठ जाएं तो आपका पूरा दिन निकल सकता है. इन सुरीले गानों को किसी आम इंसान ने नहीं बल्कि बॉलीवुड के टॉप सिंगर लकी अली ने अपनी आवाज दी है. लकी अली आज भी लोगों के बीच काफी पॉपुलर हैं. उनके कॉन्सर्ट में लोगों की भीड़ देखी जा सकती है. वो जहां भी बैठते हैं वहां मजमा लग जाता है. लोगों को उनकी आवाज में वही पुरानी बात महसूस होती है जो सालों पहले गानों के रिलीज होने पर महसूस होती थी. आज लकी अली का जन्मदिन है और इस खास मौके पर हम उनकी जिंदगी से जुड़े कई अहम पहलुओं को जानेंगे.
जब लकी अली अपने पिता को नहीं पहचान पाए
लकी अली का जन्म 1958 में सुपरस्टार और कॉमेडी किंग महमूद के घर हुआ था। लकी अली ने अपने पिता के दिखाए रास्ते पर चलते हुए अपने करियर की शुरुआत की। उन्होंने फिल्मों में भी हाथ आजमाया, लेकिन उनकी किस्मत कुछ और ही थी। उन्हें एक्टिंग से नहीं बल्कि सिंगिंग से शोहरत मिली। वह अपनी आवाज से लोगों का दिल जीतने में कामयाब रहे। विरासत में मिली एक्टिंग को छोड़ वह सिंगिंग के सुपरस्टार बन गए। लकी अली और उनके पिता महमूद के रिश्ते भी उतार-चढ़ाव से भरे रहे। 60 और 70 के दशक में एक वक्त ऐसा भी आया जब महमूद के पास काम की भरमार थी। वह अपनी फिल्मों में इतना खो जाते थे कि परिवार को समय नहीं दे पाते थे। इस बीच उन्होंने लकी को नजरअंदाज कर दिया और उनसे मिले भी नहीं, जब दोनों की अचानक मुलाकात हुई तो लकी अपने पिता को पहचान नहीं पाए और पिता को देखते ही उन्होंने कहा, ‘यह फिल्मी कॉमेडियन महमूद हैं।’
लकी अली एक बाल कलाकार थे
लकी अली ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत चार साल की उम्र में की थी. वे अपने पिता की फिल्म ‘छोटे नवाब’ में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट नजर आए थे. इसके बाद उन्होंने 1977 में ‘ये है जिंदगी’, 1979 में ‘हमारे तुम्हारे’ और 1985 में श्याम बेनेगल की ‘त्रिकाल’ जैसी फिल्मों में काम किया. कई सालों तक एक्टिंग करने के बाद भी उन्हें कुछ खास पहचान नहीं मिली तो उन्होंने ‘सुनो’ एल्बम से सिंगिंग डेब्यू किया. यह एल्बम सुपरहिट साबित हुई. इसके साथ ही उनकी किस्मत रातों-रात चमक गई. इस एल्बम का उनका गाना ‘ओ सनम’ आज भी लोगों की जुबान पर है. म्यूजिक इंडस्ट्री ने उनकी कला को सराहा और उन्हें कई अवॉर्ड भी मिले.
गाने के साथ अभिनय
कई सालों तक एक्टिंग से दूरी बनाए रखने के बाद उन्होंने एक बार फिर बतौर लीड एक्टर फिल्मों में काम किया। लकी अली ने संजय गुप्ता की फिल्म ‘कांटे’ से वापसी की। इस फिल्म में अमिताभ बच्चन, संजय दत्त और सुनील शेट्टी जैसे सितारों ने भी अहम भूमिका निभाई थी। इस बीच लगातार गाने गाकर लकी अली ने खुद को गायक-गीतकार, संगीतकार और एक्टर के तौर पर स्थापित कर लिया। म्यूजिकल ड्रामा ‘सुर’ में उनकी एक्टिंग के साथ-साथ उनके गानों को भी खूब पसंद किया गया। इसके अलावा ‘कहो ना प्यार है’, ‘तमाशा’, ‘अंजाना अंजानी’ जैसी कई फिल्मों में भी उनके गानों को जगह मिली।
लकी अली ने बॉलीवुड क्यों छोड़ा?
वैसे, लकी अली अब फ़िल्मी दुनिया से दूर हैं. वो मुंबई में नहीं रहते, बल्कि अपना ज़्यादातर समय गोवा और बैंगलोर में बिताते हैं. लकी कई मौकों पर खुलकर कह चुके हैं कि उन्हें बॉलीवुड में सम्मान नहीं मिलता. एक्टर अब सादा जीवन जी रहे हैं. वो सूफ़ी अंदाज़ में रहते हैं. वो अपने फार्महाउस पर नए गाने और म्यूज़िक बनाते हैं और इसके अलावा वो दुनियाभर में बड़े कॉन्सर्ट करते हैं.
लकी का निजी जीवन कैसा था?
लकी अली की निजी जिंदगी पर नजर डालें तो वो उतार-चढ़ाव से भरी रही। लकी अली को एक्ट्रेस मेघन जेन मैक्लेरी से प्यार हो गया था। मेघन ने सिंगर की पहली एल्बम ‘सुनो’ में काम किया था। इसी दौरान दोनों करीब आए और उनका रिश्ता प्यार में बदल गया। लकी-मेघन ने 1996 में शादी कर ली थी। उनके दो बच्चे भी हैं, हालांकि, उनकी शादी ज्यादा दिन नहीं चल सकी और दोनों अलग हो गए। मेघन से अलग होने के 4 साल बाद लकी अली की मुलाकात फारसी मूल की अनाहिता से हुई। लकी को भी उनसे प्यार हो गया। अनाहिता ने इस्लाम धर्म अपनाकर लकी से शादी कर ली और अपना नाम बदलकर इनाया रख लिया। उनके दो बच्चे भी हुए, लेकिन दूसरी शादी भी नहीं चली। लकी को तीसरी बार प्यार हुआ और इस बार उनकी जिंदगी में ब्रिटिश मॉडल केट एलिजाबेथ आईं। एलिजाबेथ उनसे 25 साल छोटी थीं, लेकिन उनका प्यार इतना बढ़ गया कि दोनों ने शादी कर ली
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