विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप अंक तालिका: इस समय सबसे ज्यादा चर्चा का विषय ICC वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप है। भारत और बांग्लादेश के बीच टेस्ट सीरीज 19 सितंबर से शुरू होगी, लेकिन उससे पहले पाकिस्तान बनाम बांग्लादेश और इंग्लैंड बनाम श्रीलंका सीरीज चल रही है। वैसे, अभी WTC पॉइंट टेबल पर नजर डालें तो टीम इंडिया पहले नंबर पर है। लेकिन सवाल ये है कि क्या आगे भी ये सिलसिला जारी रहेगा। यानी क्या भारतीय टीम टॉप 2 में जगह बना पाएगी। अगर टीम को ऐसा करना है तो उसे यहां से आखिर तक कितने मैच जीतने होंगे। आइए आपको विस्तार से बताते हैं।
पूरी दुनिया का ध्यान टेस्ट क्रिकेट पर
अगले कुछ महीनों तक पूरी दुनिया का ध्यान टेस्ट क्रिकेट पर रहेगा। कई बड़ी टीमों के बीच टेस्ट सीरीज खेली जा रही हैं, जबकि कुछ की शुरुआत होने वाली है। भारतीय टीम इस समय वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की अंक तालिका में शीर्ष पर है। टीम को अभी मौजूदा चक्र में कई और टेस्ट सीरीज खेलनी हैं। भले ही टीम इंडिया अभी शीर्ष पर है, लेकिन कई अन्य टीमें हैं जो फाइनल में जगह बना सकती हैं। सभी टीमें अपने विरोधियों को हराकर डब्ल्यूटीसी अंक तालिका में अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश करेंगी ताकि वे फाइनल में जगह बना सकें।
टीम इंडिया के फाइनल में पहुंचने के समीकरण
भारत फिलहाल फाइनल की रेस में सबसे आगे चल रहा है। टीम इंडिया ने नंबर-1 पोजिशन पर अपनी पकड़ मजबूती से बना रखी है। भारतीय टीम 68.52 फीसदी अंकों के साथ टेबल टॉपर है, जबकि टीम के पास अभी तीन सीरीज बाकी हैं। भारत को अपने घर में बांग्लादेश के खिलाफ 2 टेस्ट मैच, अपने घर में न्यूजीलैंड के खिलाफ 3 टेस्ट मैच और फिर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने घरेलू मैदान पर 5 टेस्ट मैच खेलने हैं। अब बात करते हैं भारत की संभावनाओं की। भारत को 60 फीसदी अंकों से ऊपर रहने के लिए इन 10 टेस्ट मैचों के 120 अंकों में से 63 फीसदी अंक चाहिए। आपको बता दें कि वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के तहत जीत पर 12 अंक और ड्रॉ पर चार अंक दिए जाते हैं। यानी भारत को पांच जीत और एक ड्रॉ के साथ 64 अंक मिलेंगे, जिससे वह 60 फीसदी अंकों से ऊपर रहेगा। लेकिन यहां यह ध्यान रखना होगा कि धीमी ओवर गति के लिए भारत के अंक नहीं काटे जाएंगे।
टीम इंडिया को हार से बचना होगा, जीतने होंगे बाकी मैच
इस तरह से देखें तो भारत को बचे हुए 10 टेस्ट में से 5 जीतने होंगे और एक ड्रॉ भी हो जाए तो भी काफी होगा। लेकिन बाकी बचे चार टेस्ट का क्या? अगर भारत उनमें हार जाता है तो जीतने वाले मैचों की संख्या और भी बढ़ जाएगी। यानी जीते हुए 5 मैच नहीं, बल्कि उससे ज्यादा की जरूरत होगी। दरअसल, जीत के बाद जीत का प्रतिशत बढ़ता है और हार के बाद घटता भी है। इसलिए जीत हो या न हो, भारतीय टीम को हर कीमत पर हार से बचना होगा। इस तरह से देखें तो साफ है कि अगर भारतीय टीम घर में खेले जाने वाले पांचों टेस्ट मैच जीत जाती है तो ऑस्ट्रेलिया में उसके लिए राहत की बात होगी। लेकिन अगर घर में खेले गए पांचों मैचों में से एक भी हार में तब्दील होता है तो दूसरी टीम आगे बढ़ने में जरा भी देरी नहीं करेगी। भारतीय टीम हर कीमत पर मैच जीतने की कोशिश करेगी। वैसे भी भारत अब तक हुए दो WTC फाइनल के फाइनल में पहुंच चुका है। यह और बात है कि वह फाइनल जीतने में सफल नहीं हुआ। अब देखना होगा कि टीम इंडिया बाकी बचे टेस्ट मैचों में कैसा प्रदर्शन करती है।
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