सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को कोर्ट ने सहारा समूह को 15 दिनों के भीतर एक अलग एस्क्रो अकाउंट (थर्ड पार्टी अकाउंट) में 1,000 करोड़ रुपये जमा करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने सहारा समूह को मुंबई के वर्सोवा में अपनी जमीन के विकास के लिए एक संयुक्त उद्यम स्थापित करने की भी अनुमति दी, जो 10,000 करोड़ रुपये जुटा सकता है। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के 2012 के आदेश के अनुपालन में निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए सेबी-सहारा रिफंड खाते में 10,000 करोड़ रुपये की राशि जमा की जानी है।
15 दिन में काम नहीं हुआ तो बिक जाएगी 1.21 करोड़ वर्ग फीट जमीन
जस्टिस संजीव खन्ना, एमएम सुंदरेश और बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने कहा कि अगर संयुक्त उद्यम/विकास समझौता 15 दिनों के भीतर अदालत में दाखिल नहीं किया जाता है, तो अदालत वर्सोवा में 1.21 करोड़ वर्ग फीट जमीन को ‘जैसा है, जहां है’ के आधार पर बेच देगी। पीठ ने कहा, “हम एसआईआरईसीएल और एसएचआईसीएल (दोनों सहारा समूह की कंपनियां) को आज अदालत में दिए गए बयान का पालन करने के लिए 15 दिन का समय देते हैं। अगर संयुक्त उद्यम/विकास समझौता 15 दिनों के भीतर दाखिल नहीं किया जाता है, तो यह अदालत वर्सोवा की जमीन को ‘जैसा है, जहां है’ के आधार पर बेचने के लिए स्वतंत्र होगी।
1,000 करोड़ रुपये की राशि एस्क्रो खाते में रखी जाएगी
अदालत के आदेश के अनुसार, “तीसरे पक्ष द्वारा जमा की जाने वाली 1,000 करोड़ रुपये की राशि एस्क्रो खाते में रखी जाएगी। यदि इस अदालत द्वारा (संयुक्त उद्यम समझौते के लिए) स्वीकृति/अनुमति नहीं दी जाती है, तो राशि तीसरे पक्ष को वापस कर दी जाएगी।” इस मामले में अगली सुनवाई अब एक महीने बाद होगी।
2012 में 25,000 करोड़ रुपए जमा करने के निर्देश दिए गए थे
सर्वोच्च न्यायालय ने सहारा समूह की कंपनियों – सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एसआईआरईसीएल) और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एसएचआईसीएल) को मुम्बई में एंबी वैली परियोजना सहित संपत्तियों के विकास के लिए संयुक्त उद्यम समझौते करने की अनुमति दे दी है, जिन्हें 2012 में लगभग 25,000 करोड़ रुपये जमा करने का निर्देश दिया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने सहारा ग्रुप को 15 दिन के अंदर 1000 करोड़ रुपये जमा करने का आदेश दिया, जानें पूरी जानकारी
पीटीआई इनपुट्स के साथ