मोहन भागवत देश के राष्ट्रपिता और राष्ट्रऋषि हैं’, मुलाकात के बाद बोले इमाम संगठन के प्रमुख।

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Mohan Bhagwat

Highlights

  • ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन के चीफ से मिले भागवत
  • मुस्लिम बुद्धिजीवियों के बाद धर्मगुरुओं से भी मिले भागवत
  • मीटिंग में संघ के कृष्ण गोपाल, राम लाल, इंद्रेश कुमार रहे मौजूद

Mohan Bhagwat: अखिल भारतीय इमाम संगठन के प्रमुख उमर अहमद इलियासी ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात के बाद कहा कि हमारा DNA एक ही है, केवल ईश्वर की पूजा करने का हमारा तरीका अलग है। इलियासी ने भागवत को ‘राष्ट्रपिता’ भी बताया और कहा कि हमें भारत और भारतीयता को मजबूत करना है। इलियासी ने कहा कि आरएसएस प्रमुख ने उनके निमंत्रण पर उत्तरी दिल्ली में मदरसा ताजवीदुल कुरान का दौरा किया था और वहां बच्चों के साथ बातचीत की थी। उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी मानते हैं कि राष्ट्र पहले आता है।’’

मेरे अनुरोध पर मदरसा गए थे भागवत- इलियासी


भागवत ने गुरुवार को दिल्ली में एक मस्जिद में इमाम उमर अहमद इलियासी से मुलाकात की। कस्तूरबा गांधी मार्ग मस्जिद में बंद कमरे में एक घंटे से ज्यादा वक्त तक बैठक हुई। अखिल भारतीय इमाम संगठन का कार्यालय यहीं स्थित है। भागवत के साथ संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी कृष्ण गोपाल, राम लाल और इंद्रेश कुमार थे। राम लाल पहले भाजपा के संगठनात्मक सचिव थे जबकि कुमार मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संरक्षक हैं। बैठक की जानकारियां शेयर करते हुए अहमद इलियासी के भाई सुहैब इलियासी ने कहा, ‘‘यह काफी अच्छी बात है कि भागवत हमारे पिता की पुण्यतिथि पर हमारे निमंत्रण पर आए। इससे देश में अच्छा संदेश भी गया है।’’

मुस्लिम बुद्धिजीवियों से मिले थे भागवत

बता दें कि RSS प्रमुख साम्प्रदायिक सौहार्द्र को मजबूत करने के लिए मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ चर्चा कर रहे हैं। उन्होंने हाल में दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल जमीरउद्दीन शाह, पूर्व सांसद शाहिद सिद्दीकी और कारोबारी सईद शेरवानी से मुलाकात की थी। इस मुलाकात में भागवत ने हिंदुओं के लिए ‘‘काफिर’’ शब्द के इस्तेमाल के मुद्दे को उठाया था और कहा था कि इससे अच्छा संदेश नहीं जाता है।

सभी हिंदुओं और मुसलमानों का DNA एक ही है- भागवत

वहीं, मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने कुछ दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा मुसलमानों को ‘‘जिहादी’’ और ‘‘पाकिस्तानी’’ बताए जाने पर आपत्ति जतायी थी। मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने भागवत को यह भी बताया था कि ‘काफिर’ शब्द के इस्तेमाल के पीछे मकसद कुछ और है लेकिन कुछ वर्गों में अब इसे ‘‘अपशब्द’’ के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। आरएसएस प्रमुख ने बुद्धिजीवियों की चिंताओं को समझते हुए कहा कि ‘‘सभी हिंदुओं और मुसलमानों का डीएनए एक ही है।’’ आरएसएस के प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा, ‘‘आरएसएस सरसंघचालक हर वर्ग के लोगों से मुलाकात करते हैं। यह निरंतर चल रही सामान्य ‘संवाद’ प्रक्रिया का हिस्सा है।’’



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